सच्चाई और ईमानदारी के प्रतीक थे चौधरी चरण सिंह- जाट महासभा

किसान घाट पर जाट महासभा के पदाधिकारी

नई दिल्ली 29 मई. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 35वीं पुण्यतिथी पर अखिल भारतीय जाट महासभा नें दिल्ली स्थित किसान घाट पर पुष्पांजलि अप्रित की. इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ताराचंद मोर नें कहा कि एक साधारण किसान परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह कड़ी मेहनत, ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के बल पर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे.

चौ. चरण सिंह की समाधि स्थल पर उनके समर्थक

चौधरी चरण सिंह का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था और 28 जुलाई 1979 को देश के 5वे प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली. चौधरी चरण सिंह एक किसान नेता थे और दिल्ली स्थित उनकी समाधी स्थल को किसान घाट के नाम से जाना जाता है.

अपने राजनीतिक जीवन में चरण सिंह एक गांधीवादी नेता के रुप में जाने जाते थे और उनकी ईमानदारी और सच्चाई के कारण उनके विरोधी भी उनका सम्मान करते थे।

किसान घाट पर आयोजित समारोह में बोलते हुए ताराचंद मोर ने बताया कि, चौधरी साहब नें इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ इंडिया: इट्ज कॉज एण्ड क्योर नाम से पुस्तक लिखी, जो पूरी दुनियां में प्रसिद्द है और शोधार्थी छात्रों के लिए यह पुस्तक उनके शोध का मुख्य आधार है. इसके साथ शिष्टाचार नाम पुस्तक देश के युवाओं के लिए बहुत उपयोगी है जो हमें सच्चाई, ईमानदारी और शिष्टाचार के मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है. आज हमें चौधरी चरण सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों पर चलना चाहिए. यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

किसान घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में जगत मलिक, राजेन्द्र सिंह राठी, डॉ. ओमप्रकाश मलिक, युवा जाट नेता विनोद गुलिया, सुरेन्द्र तेवतिया, प्रवीन्द्र खत्री, रतन सिंह फोर व कप्तान सिंह फोर भी उपस्थित रहें.   

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