लेखक, चिराग झा
राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा अब पंजाब पहुँच चुकी है और इस यात्रा को राजस्थान से निकले भी काफ़ी वक़्त हो गया है। हालांकि सचिन पायलट अब भी राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिला कर यात्रा में चल रहे हैं और अपने आप को कांग्रेस का मज़बूत सिपाही होने के पुष्टि दे रहे हैं।
मंगलवार को राहुल गांधी की पदयात्रा हरियाणा के रास्ते पंजाब में दाखिल हुई और उन्होंने स्वर्ण मंदिर में दर्शन कर यात्रा की शुरुआत की। फिर बुधवार की सुबह गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में यात्रियों ने मत्था टेक कर यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान भी कांग्रेस नेता सचिन पायलट यात्रियों के साथ मौजूद रहे। इसके बाद सचिन पायलट ने भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया और वह राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिला कर चलते दिखे। पायलट ने राहुल गांधी के साथ चलते हुए एक तस्वीर भी साझा की जिसमें वह राहुल से कुछ बात करते नज़र आ रहे हैं। इस तस्वीर के सामने आते ही राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया और लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिये।
सचिन पायलट का राहुल गांधी के साथ पंजाब में दिखना ख़ास इसीलिए भी हो जाता है क्योंकि पायलट के साथ पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और राजस्थान के विधायक हरीश चौधरी भी यात्रा में शामिल हुए। हाल के समय में राजस्थान के अंदर पायलट और हरीश चौधरी के बीच नज़दीकियों के काफ़ी चर्चे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हरीश चौधरी को सचिन पायलट के गुट का मानते हैं। ऐसे में पायलट और चौधरी दोनों के भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चलने पर राजस्थान में गहलोत गुट के नेताओं में खलबली सी मचना लाज़मी है।
आपको बता दें की राजस्थान से भारत जोड़ो यात्रा पहले ही निकल चुकी है और तब गहलोत और पायलट के बीच राजनीतिक युद्ध विराम सा लगाया गया था। अब चूँकि यात्रा काफ़ी आगे बढ़ चुकी है और पायलट भी आलाकमान के फ़ैसले के इंतज़ार में बैठे हुए हैं, तब यह तस्वीर देख कर लोग क़यास लगा रहे हैं की क्या राजस्थान पर कोई बड़ा फ़ैसला तो नहीं आने वाला।
वहीं दूसरी तरफ़ राजस्थान में कांग्रेस ने अपने आंतरिक कलह को मिटाने के लिए पंजाब के बड़े नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा को बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में बजट पेश करने जा रहे हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी की क्या सचिन पायलट आलाकमान के फ़ैसले का इंतज़ार करते रहेंगे या फिर वह अपनी नई दिशा और दशा तय करेंगे।
चिराग झा एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और यहाँ प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।