सैन्ट्रल कॉटेज इण्डस्ट्रीज कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सीसीआईसी), जिसे सैन्ट्रल कॉटेज इण्डस्ट्रीज एम्पोरियम के नाम से भी जाना जाता है, ने क्राफ्ट्स म्यूजियम, प्रगति मैदान में अपना नया आउटलेट “लोटा शॉप” खोला । कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शन विक्रम जरदोश ने नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम में में “लोटा शॉप” का उद्घाटन किया। शॉप का नाम भारत भर में कई डिजाइनों और माध्यमों में पाए जाने वाले दैनिक उपयोग के सबसे प्रख्यात पात्र “लोटा” से लिया गया है ।
कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शन विक्रम जरदोश कहा कि हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम भारत की पहचान है, क्राफ्ट म्युसियम में भारत की झलक देखने को मिलती है, उन्होंने कहा की दिल्ली के साथ, अन्य टूरिस्ट जगहों पर इस तरह के क्राफ्ट म्युसियम बनने चाहिए, देश के कुछ राज्य सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रहे है, उन्होंने की भारत सरकार देश की सभ्यता और कला को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है। उनका कहना था की हमे कला का मोल भाव नहीं करना चाहिए।
शिल्प संग्रहालय की ग्रामीण पृष्ठभूमि में स्थापित यह विशिष्ट बिक्री आउटलेट पारंपरिक भारत का सार प्रस्तुत करता है। पारंपरिक लेकिन समकालीन शैली में निर्मित “लोटा शॉप” भारत के पारंपरिक शिल्प रूपों पर आधारित बेहतरीन दस्तकारी, स्मृति चिन्ह, हस्तशिल्प और वस्त्रों को प्रदर्शित करता है। यह समृद्ध और विविध भारतीय शिल्प विरासत और कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए सैन्ट्रल कॉटेज इण्डस्ट्रीज एम्पोरियम द्वारा उठाया गया एक और कदम है, जो उन्हें अपनी सर्वश्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस प्रकार एक आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में वे अपनी आजीविका बनाए रखते हैं।
कॉटेज द्वारा लोटा शॉप नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम के मैदान में आए हुए देश और विदेश के शिल्प प्रेमियों को भारतीय विरासत के उत्कृष्ट उत्पादों को लेने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
सीसीआईसी: सैन्ट्रल कॉटेज इण्डस्ट्रीज कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सीसीआईसी), कपड़ा मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जो नई दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, सिकंदराबाद, वाराणसी और गुजरात में अपने शोरूमों के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक भारतीय हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और खुदरा विपणन में लगा हुआ है। सीसीआईसी अपने उत्पाद सीधे ही कारीगरों, बुनकरों, सिद्धहस्त शिल्पकारों, शिल्प गुरुओं, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं और समूहों से प्राप्त करता है। सीसीआईसी भारतीय शिल्प और शिल्पकारों के विकास के लिए समर्पित है और इस प्रकार विश्व स्तर पर हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।