नई दिल्ली 22 अप्रैल 2024. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित राजधानी कॉलेज के एनसीवेब सेंटर द्वारा दिनांक 20/04/24, शनिवार को वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर राजधानी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेश गिरि सहित श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की पूर्व डीन प्रोफेसर कमला भारद्वाज और श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ. प्रशांत कुमार चौधरी जैसे विशिष्ट गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में एनसीवेब की उत्कृष्ट और मेधावी छात्राओं सहित वार्षिकोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने और जीतने वाली छात्राओं को भी पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिये गए। साथ ही गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कॉलेज में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में एनसीवेब के प्रभारी डॉ. अनिल कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और एनसीवेब का इतिहास बताते हुए 2023-24 में प्राप्त एनसीवेब, राजधानी कॉलेज की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि एनसीवेब राजधानी सेंटर की 95 प्रतिशत छात्राओं ने अपनी परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है, जो अत्यंत हर्ष का विषय है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एनसीवेब की छात्राओं के लिए कॉलेज में एसी रीडिंग रूम और लाइब्ररी, गर्ल्स कोमन रूम की सुविधाएं भी उपलब्ध है और हमारा प्रयास रहता है कि छात्राओं के शिक्षण में किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो। डॉ. अनिल कुमार विशेष रूप से कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेश गिरि जी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने नियमित कॉलेज के विद्यार्थियों से समान ही एनसीवेब की छात्राओं की सुविधाओं का ध्यान रखा है।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेश गिरि ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीवेब की छात्राएं अपने आप को कभी भी किसी से कम न आँके, एनसीवेब आर्थिक रूप से बेशक समृद्ध न हो किन्तु दिमाग और हौसलों से पूर्णत: समृद्ध है। आपकी सकारात्मक सोच और सीखने की ललक आपके भविष्य का निर्धारण करती है। बच्चों की ऊर्जा से ही कॉलेज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वर्तमान समय में जो पढ़ेगा, जीवन में वही आगे बढ़ेगा और जीवन में आगे वही बढ़ेगा, जो सीखेगा।
प्रोफेसर कमला भारद्वाज ने एनसीवेब छात्राओं को बताया कि उन्होंने भी अपनी स्नातकोत्तर की उपाधि एनसीवेब से ही प्राप्त की है, अत: एनसीवेब की डिग्री को किसी भी मायने में रेगुलर कॉलेज की डिग्री से कम न समझा जाए। आपकी शिक्षा से आपके व्यवहार का निर्माण होता है। विद्यार्थियों को अपना व्यवहार परिमार्जित करना चाहिए यहीं से जीवन की दिशाएँ तय होती है अत: आपको अपनी दिशाएँ स्वयं ही खोजनी पड़ती है।
डॉ. प्रशांत कुमार चौधरी ने अपने वक्तव्य में एनसीवेब छात्राओं को महाभारत के करण के समान बताया जिसने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप को स्थापित किया। ये छात्राएं भी सीमित समय और सीमित साधनों में पढ़ाई करती हैं और अपने सुनहेरे भविष्य का निर्माण करती हैं। साथ ही उन्होंने नॉन-कॉलेजिएट में नॉन शब्द के स्थान पर एडिशनल या एक्सट्रा शब्द को ज्यादा सटीक और उपयुक्त बताते हुए कहा कि बेशक नियमित कॉलेज की तुलना में समय और साधन सीमित हैं, फिर भी कॉलेज के अच्छे माहौल, अच्छे अध्यापक और आपकी मेहनत के कारण आपको नियमित कॉलेज के छात्रों के समान ही अच्छे परिणाम मिलते हैं।
वार्षिकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ के भाग लिया। लोक गीत और लोक नृत्य, नुक्कड़ नाटक और फैशन-शो से सजा यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के उत्साह और बड़ी संख्या में उनकी उपस्थिति के कारण बेहद सफल रहा।
अंत में एनसीवेब के उप-प्रभारी श्री शफ़ीकुल आलम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम का औपचारिक समापन किया।