नई दिल्ली 13 अक्टूबर 2022. मोदी सरकार ने एक और बैंक ( IDBI BANK Privatization ) बेचने की तैयारी शुरु कर दी है…जी, हां..IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन का रास्ता साफ हो गया है। तो वहीं बैंकर्स ने भी मोर्चा खोल दिया है…नारा है, हम बैंक नहीं बिकने देंगे
बैंककर्मियों ने सोशल मीडिया पर कैंपेंन की शुरुआत कर दी है..पिछले कई दिनों से #SaveIDBI ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है… ( IDBI BANK Privatization )
बैंक बचाओ देश बचाओ, हम बैंक नहीं बिकने देंगे, निजीकरण के खिलाफ लगातार पोस्टर, पोस्ट आदि की बाढ़ सी आ गई है…लोग पूछ रहे हैं…हम देश नहीं बिकने देंगे के नारे का क्या हुआ?
Newton Bank Kumar के ट्विटर हेंडल से ट्वीट है
आपको बता दें, IDBI बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में 1,359 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था… मुनाफे में होने के बावजूद बैंक के निजीकरण ( IDBI BANK Privatization ) को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. जब कभी कोई प्राइवेट बैंक डूबने वाली होती है तो सरकार उसे बचाने के लिए आगे आती है…दूसरे सरकारी बैंक की मदद से उसे बचाया जाता है तो फिर सरकारी बैंक को निजी हाथों में क्यों सौंपा जा रहा है…?
क्या कोई दूसरी सरकारी बैंक ही IDBI बैंक को क्यों नहीं खरीद सकती? बैंक बिकने के बाद क्या सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर कम नहीं होंगे? बैंककर्मियों के तेवर को देख कर लग रहा है कि सरकार के लिए IDBI बैंक का निजीकरण आसान नहीं रहने वाला है…बैंक क्रमी बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में जुट गए हैं.
आपको बता दें कि पिछले साल मुनाफे में रहने के बावजूद सरकार और LIC मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेने का फैसला किया है…केंद्र सरकार बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी…वहीं एलआईसी आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा…भारतीय जीवन बीमा निगम के पास वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि केंद्र सरकार के पास 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है।