नई दिल्ली. भारतीय नौसेना का प्रमुख वायु स्टेशन आईएनएस हंस ने 05 सितंबर को हीरक जयंती (Diamond Jubilee) मनाई. 1958 में सी हॉक, एलिज़ और वैम्पायर एयरक्राफ्ट के साथ कोयंबटूर में स्थापित नेवल जेट फ़्लाइट को बाद में दिनांक 5 सितंबर, 1961 को आईएनएस हंस के रूप में कमीशन किया गया था। गोवा की मुक्ति के बाद अप्रैल 1962 में डाबोलिम हवाई क्षेत्र को नौसेना ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया और आईएनएस हंस को जून 1964 में डाबोलिम में स्थानांतरित कर दिया गया ।
कुछ विमानों के साथ एक मामूली हवाई स्टेशन के रूप में कमीशन किए गए आईएनएस हंस ने पिछले छह दशकों में अपनी क्षमता में वृद्धि की है और वर्तमान में 40 से अधिक सैन्य विमानों का संचालन कर रहा है, जो 5000 घंटे से अधिक की औसत वार्षिक उड़ान भरते हैं। यह एयर स्टेशन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 24×7 संभाल कर नागरिक उड्डयन में भी सहायता प्रदान करता है, जिसमें एक वर्ष में औसतन 29000 उड़ानें होती हैं ।
आईएनएस हंस भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन एयर स्क्वाड्रन का निवास स्थान है – डोर्नियर -228 विमान के साथ आईएनएएस 310 ‘कोबरा’, लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान आईएल-38एसडी के साथ ईएनएएस 315 ‘विंग्ड स्टैलियन’,एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग कामोव-31 हेलीकॉप्टर के साथ आईएनएएस 339 फाल्कन्स’; सुपरसोनिक कैरियर-बोर्न मिग 29K लड़ाकू विमानों के साथ आईएनएएस 303 ‘ब्लैक पैंथर्स’ और आईएनएएस 300 ‘व्हाइट टाइगर्स’ और एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर्स आईएनएस 323 ‘हैरियर्स’ ।
एयर स्टेशन जल्द ही आईएनएएस 316 के कमीशन होने पर बोइंग पी8आई लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान का संचालन करेगा ।
आईएनएस हंस के कमांडिंग ऑफिसर, कमोडोर अजय डी थियोफिलूस ने कहा,
“पिछले कुछ वर्षों में बेस ने नौसेना की सैन्य शक्ति के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व किया है। हंस से संचालित होने वाले एयरक्राफ्ट पूरे पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा में बढ़ोतरी करते हैं जिसमें अपतटीय संपत्ति भी शामिल है, इसके अतिरिक्त समुद्र में और समुद्र से खतरों को बेअसर करने के लिए व्यापक निगरानी करते हैं। इस बेस ने नागरिक प्रधिकरणों को खोजबीन एवं बचाव, एचएडीआर, बाढ़ राहत, सामुदायिक गतिविधियों और अनेक वंदे भारत उड़ानों के रूप में पर्याप्त सहायता प्रदान की है”
आईएनएस हंस 06 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नौसेना उड्डयन के लिए प्रेसिडेंशियल कलर्स की प्रस्तुति के प्रतिष्ठित कार्यक्रम का मेजबान है। यह कार्यक्रम आईएनएस हंस की हीरक जयंती और गोवा की मुक्ति की तिथि के साथ मेल खाता है ।