लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 28वां दीक्षांत समारोह संपन्न

नई दिल्ली, 10 मई 2025: द्वारका स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (Lal bahadur shastri institute of management) में 28वां दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर सत्र 2023-2025 के 378 छात्रों को पीजीडीएम की डिग्रियां प्रदान की गईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा रहे, जिन्होंने छात्रों को उत्कृष्ट भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

इस दीक्षांत समारोह में पीजीडीएम (जनरल), पीजीडीएम (फाइनेंशियल मैनेजमेंट), पीजीडीएम (रिसर्च एंड बिजनेस एनालिटिक्स), पीजीडीएम (ई-बिजनेस) और पीजीडीएम (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस) के छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। साथ ही, अकादमिक उत्कृष्टता के लिए स्नेहदीप अरोड़ा, ओम अग्रवाल, हररीत कौर और हर्ष गुप्ता को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। अर्पित सक्सेना, सौम्या सिंघल, सोहिनी दासगुप्ता, घनश्याम अग्रवाल, अभ्युत्कर्ष अग्रवाल और अंश अग्रवाल को “ललिता शास्त्री मेडल” से सम्मानित किया गया, जबकि घनश्याम अग्रवाल को सामाजिक कार्य और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के लिए “अमित चोपड़ा मेडल” दिया गया।

इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन अनिल शास्त्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा संस्थान पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य न केवल पेशेवर दक्षता देना है, बल्कि नेतृत्व, ईमानदारी और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को भी छात्रों में विकसित करना है। यह दीक्षांत समारोह हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रगति की है। जल्द ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान लगा रहे हैं। यह उल्लेखनीय प्रगति आर्थिक विज्ञान, इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाली एक गतिशील युवा पीढ़ी के उभरने के कारण संभव हुई है।

मुझे पूरी उम्मीद है कि वर्तमान भू-राजनीतिक तनाव नहीं बढ़ेगा, क्योंकि युद्ध ने कभी भी किसी भी राष्ट्र के वास्तविक हितों की पूर्ति नहीं की है। फिर भी, मुझे विश्वास है कि भारत ऐसी चुनौतियों से और मजबूत होकर उभरेगा।

हमारे सशस्त्र बलों का साहस और बहादुरी हमेशा अनुकरणीय रही है। हम यह जानकर चैन की नींद सोते हैं कि वे हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, अक्सर अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं ताकि हमारा राष्ट्र जीवित रह सके। उनकी अटूट प्रतिबद्धता और समर्पण हर नागरिक के लिए बहुत गर्व का स्रोत है।

संस्थान के निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और सभी छात्रों तथा उनके अभिभावकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्थान आगे भी गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

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