लेखक, उद्देश्य ठाकुर
केंद्र की मोदी सरकार मे जल्द फेरबदल होने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा अपनें राजनितिक जरूरतों और मंत्रियों की प्रदर्शन के आधार पर ऐसा होने की अटकलें लगाई जा रही है। पीएमओ और मुख्यालय पर लगातार हो रही बैठके इस बात का संकेत कर रहीं है। इस वर्ष 9 राज्यों में चुनाव होने हैं जिनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बात की जा रही है। इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने की अटकलें लगाई जा रही है।
बजट सत्र से पहले हो सकता है फेरबदल
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है जिसे पहले टीम मोदी में बदलाव की बात की जा रही है। 16-17 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है, जिसमें वह अपने अध्यक्ष जेपी नड्डा के अध्यक्ष के कार्यकाल के विस्तार पर मुहर लगाएगी। उसके बाद 18 से 25 जनवरी के बीच किसी भी दिन केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।
2024 से पहले आखरी बदलाव
सूत्रों की माने तो यह बदलाव मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बदलाव होगा। इसलिए लोकसभा चुनाव और इस वर्ष होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव के समीकरणों देखते हुए बदलाव किया जाएगा। भाजपा इसी सरकार की टीम के सहारे 2024 के चुनाव में जाएगी इसलिए सभी जातियों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देना चाहती है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में बदलाव 9 जुलाई 2021 में किया था तब कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को हटाकर के नए मंत्रियों को सरकार में शामिल किया गया था।
चुनावों राज्यों बढ़ेगा का प्रतिनिधित्व
इस साल 9 राज्यों में चुनाव होने हैं जिनमें त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक शामिल है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ साथ तेलंगाना और मिजोरम में भी इस वर्ष के अंत तक चुनाव होंगे। इन राज्यों से सरकार में प्रतिनिधित्व बढ़ने की बात की जा रही है। साथ ही गुजरात चुनाव में शानदार सफलता दिलाने वाले प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील के प्रमोशन की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव संभव
मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होने की बात की जा रही है। अभी कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार है जिनको हल्का करने की बात की जा रही है। पियूष गोयल, निर्मला सीतारमण, अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी ऐसे मंत्री है जिनके पास 2-3 अतरिक्त मंत्रालय हैं जिन्हें लेकर के अच्छा प्रदर्शन करने वाले सांसदों को देने की बात कही जा रही है। इस बार एक पूर्ण कालिक सहकारिता मंत्री को लाने जाने की चर्चा है।
कई मंत्रियों को हो सकती है छुटी
कौन हटेगा, कौन शामिल होगा, इस मुद्दे पर पार्टी में खामोशी है। हर किसी का यही कहना है कि इस बारे में सिर्फ एक शख्स (पीएम मोदी) को ही पता है। लेकीन कई मंत्रियों की छूटी की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। संगठन में अनुभवी, तेजतर्रार नेताओं की कमी इसलिए कम से कम 3 कैबिनेट मंत्री संगठन में लाए जा सकते हैं। एक पूर्व ब्यूरोक्रेट कैबिनेट मंत्री को हटाए जाने की भी चर्चा है।
महिला का बढ़ेगा प्रतिनिधित्व
इस फेरबदल में प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। कयास लगाई जा रही है कि कई महिला सांसदों को सरकार में शामिल किया जा सकता है। राजस्थान की एक महिला सांसद की सरकार में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। अभी केंद सरकार में 11 महिलाएं मंत्री है जो अब तक 17 साल में सबसे अधिक है। महिलाओं के साथ साथ ओबीसी, अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदाय को इस फेरबदल में तरजीह दी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रतिनिधि को दिया जा सकता है।
सहयोगी दलों को मिलेगा मौका
इस फेरबदल में एनडीए के भी कुछ दलों को दलों को शामिल किया जा सकता है। अभी सहयोगी दलों के कोटे से सिर्फ़ 3 सांसद ही मंत्री है जिनमें दो राज्य मंत्री है। शिवसेना और जेडीयू के एनडीए से नाता टूटने के बाद जो स्थान रिक्त है उनको शिवसेना (शिंदे गुट) के एक सांसद से पूरा किया जा सकता है। साथ ही लोक जन शक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर उनको इनाम दिए जाने की बात कही जा रही है। अभी चिराग के चाचा पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री हैं।
उद्देश्य ठाकुर दिल्ली स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म के छात्र हैं और यहाँ प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।