चंडीगढ़, 5 अक्टूबर। केंन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ की जा रही जांच के बाद विपक्षी दल नें आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल पर सवाल खड़े किए है.
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा नें कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा हर रोज कड़ी जांच के दायरे में आने के साथ ही अरविंद केजरीवाल का दिल्ली मॉडल लड़खड़ा गया है। बाजवा नें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह दी है कि पंजाब के मुद्दों पर पंजाब सरकार को खुद निर्णय लेना चाहिए.
पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुखिया भगवंत मान इस समय गुजरात चुनाव प्रचार में है. अभी पंजाब विधानसभा का 3 दिन के सत्र का आयोजन भी किया गया था. सत्र में शून्य काल को रद्द करने पर विपक्षी दल काफी खफा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार पंजाब के मुद्दों पर गंभीर नहीं है और विधानसभा में स्पीकर द्वारा विपक्ष को समय नहीं दिया जाता .
प्रताप सिंह बाजवा नें कहा कि दिल्ली पंजाब नहीं है और पंजाब दिल्ली नहीं है। दोनों जगहों के अपने-अपने मुद्दे हैं और पंजाब एक पूर्ण राज्य है. इसलिए मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने विवेक से पंजाब हित के फैसले ले.
दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही बिजली सब्सिडी पर बाजवा ने कहा कि केजरीवाल को यह बताना होगा कि जरूरतमंद लोगों को दी जा रही सब्सिडी पर पारदर्शीता क्यों नहीं है.
दिल्ली सरकार नें अभी पुरानी आबकारी नीति को रद किया है. पंजाब में भी नई शराब नीति पेश की गई है. बाजवा नें आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर नई आबकारी नीति इतनी अच्छी थी, तो केजरीवाल सरकार ने इसे अचानक छोड़ने का फैसला क्यों किया?” इसी तरह पंजाब की शराब नीति भी जांच के दायरे में है। पंजाब के आबकारी आयुक्त और संयुक्त आबकारी आयुक्त को केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा उनके आधिकारिक आवासों पर छापे और तालाशी हुई लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने अधिकारियों का साथ नहीं दिया.