राज्य मे जारी सीबीआई के कारवाई के बीच तमिलनाडु सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य के गृह विभाग द्वार आदेश जारी करके सीबीआई को दी गई जनरल कॉन्सेंट वापस ले लिया है। इसका मतलब एजेंसी को अब राज्य में कारवाई करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी। सीबीआई के जनरल कॉन्सेंट पर ऐसा फ़ैसला लेना वाला तमिलनाडु देश का 10वां बन गया है।
गृह विभाग ने जारी किया आदेश
प्रदेश की गृह विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए बताया की दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम,1946 (1946 का केंद्रीय अधिनियम 25) के एक विशेष प्रावधान के अनुसार सीबीआई को जांच करने के लिए जाने से पहले संबद्ध राज्य सरकार की पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है। आदेश में कहा गया कि तमिलनाडु सरकार ने उक्त नियम के तहत 1989 और 1992 में कुछ तरह के मामलों में दी गई सहमति वापस लेने का आज आदेश जारी किया है। अब सीबीआई को राज्य में किसी भी नए मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी हालांकि यह आदेश पुराने और पेंडिंग मामलों पर लागू नहीं होगा। यह फैलता केंद की अन्य जांच एजेंसियों ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर लागू नहीं होगा।
हाल ही में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने प्रदेश सरकार के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि एड की इसी कार्रवाई के बाद तमिलनाडु सरकार ने सीबीआई को दिए जनरल कंसेंट वापस ली है। गिरफ्तारी के बाद बालाजी को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बालाजी 2014-15 में अपराध के समय अन्नाद्रमुक में शामिल थे और उस समय परिवहन मंत्री थे।
सरकार द्वारा सीबीआई से कंसेंट वापस लिए जाने के बाद विपक्षी दल भाजपा ने स्टालिन सरकार को घूरते हुए आड़ें हाथों लिया। प्रदीप भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्टालिन पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि “ईडी की कार्रवाई से मुख्यमंत्री डरे हुए हैं और उनका डर है की अगला नंबर उनका ना हो इसलिए ही तमिलनाडु में सीबीआई की एंट्री बंद करने के लिए एक असाधारण कदम उठाया है।” उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन पर मेट्रो प्रोजेक्ट में 200 करोड रुपए रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया।
ऐसा करने वाला 10वां राज्य बनना तमिलनाडु
सीबीआई से जनरल कंसेंट वापस लेने वाला फैसला लेने के बाद तमिलनाडु देश की उन राज्य सरकारों की सूची में शामिल हो गया है, जिसने सीबीआई से जनरल कंसेंट वापस ले ली है। तमिलनाडु से पहले महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश और मिजोरम ने सीबीआई से जनरल कंसेंट वापस ले लिया है। हालांकि पिछले साल महाराष्ट्र में शिवसेना में हुई टूट के बाद सत्ता में काबिज हुई शिंदे और भाजपा गठबंधन सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया था और सीबीआई को कंसेंट वापस लौटा दी थी। इससे पहले 2019 में जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनने पर आंध्र प्रदेश में भी पिछली तदेपा सरकार के फैसले को पलटते हु इस सीबीआई को कंसेंट जारी कर दिया था।
लेखक उद्देश्य ठाकुर / पोस्ट आलोक कुमार