कांग्रेस नें सरकार से पूछा PM CARES FUND का पैसा कहाँ है?
नई दिल्ली. कोरोना की त्रासदी से अपनों की जान गवा चुके लोगों के परिवार को 50 हजार रुपयें की राशि मुआवजे के रुप में दी जाएगी. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) नें इस राशि की सिफारिश की है. यह जानकारी केन्द्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दी गई है.
सरकार ने कहा है कि स्वास्थय मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार मौत प्रमाणित होने पर ही यह राशि दी जाएगी.इससे पहले 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि कोविड से हुई मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का दिशानिर्देश अभी तक तय क्यों नही हुआ. वही इस मामले पर विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी नें कहा है कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,
हर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवज़े के रुप में मिलने चाहिए और यह मुश्किल नहीं है क्योंकि सरकार ने एक ही साल में मात्र ईंधन पर टैक्स से 4 लाख, 54 हजार करोड़ रुपए कमाये हैं. जबकि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ो की बात की जाए तो कुल मुआवजा राशि 22,000 करोड़ रुपए हैं जो सरकार द्वारा कमाये गए रुपयों की तुलना में मामूली राशि है.
सुप्रिया श्रीनेत- प्रवक्ता कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना से क़रीब 14 करोड़ रोज़गार नष्ट हो गए, लोगों का वेतन घट गया, नौकरीपेशा लोगों को मजबूरी में अपनी भविष्यनिधि (EPFO ) तक से 66,000 करोड़ रुपए निकालने पड़ गए.
कोरोना महामारी व सरकार का तर्क
सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में यह कहा था कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोविड महामारी को ‘आपदा’ नहीं कहा जा सकता है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 30 जून, 2021 को अपने फ़ैसले में सरकार के इस तर्क को पूर्णतः ख़ारिज कर दिया था।
गृह मंत्रालय ने 8 अप्रैल, 2015 को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण )NDRF से संशोधित सूची और सहायता के मानदंड जारी किए थे। जिसमें यह साफ़ लिखा गया था कि किसी भी आपदा के कारण हुई मृत्यु के लिए पीड़ित परिवार को बाक़ी राहत के अलावा 4 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाएगा।