दिल्ली 02 अक्टूबर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म जयंती समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री नें अपने पिता की सादगी व ईमानदारी से जुड़े यादगार पलों को साझा किया.
दिल्ली के द्वारका में लाल बहादुर शास्त्री इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (Lal Bahadur Shastri Institute of Management) में भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की 117वीं जयंती पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई । इस अवसर पर ‘शाम ऐ ग़ज़ल’ का आयोजन किया गया जिसमे पंकज उधास ने ग़ज़लों के जरिये शास्त्री जी को श्रद्धांजलि दी ।
इस मौके पर LBSIM के चेयरमेन अनिल शास्त्री ने अपने पिता को याद करते हुए कहा की,
“कई लोगों के लिए एक ऐसे प्रधानमंत्री की कल्पना करना मुश्किल हो सकता है, जिन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से अपने परिवार के लिए कार खरीदने के लिए ऋण लिया हो, जय जवान जय किसान का नारा हो या देश में अनाज की कमी पर एक दिन का उपवास रखना हो, यह सब शास्त्री जी के जीवन के पहलू थे”
अपने पिता के बारे में बात करते हुए अनिल शास्त्री नें अपने स्कूल की एक घटना का जिक्र करत हुए बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद शास्त्री जी उनका रिपोर्ट कार्ड लेने के स्कूल गए तो शिक्षक ने हैरानी से पूछा आप प्रधानमंत्री होते हुए स्कूल आये इस पर शास्त्री जी ने कहा प्रधानमंत्री बनने के बाद उनमे कोई बदलाव नहीं आया है और वो आज भी वैसे ही है जैसे पहले थे।
उन्होंने अपनी नीतियों और प्रभावशाली विचारों के जरिये लोगों को प्रभावित किया. साथ ही राष्ट्र का स्वरूप बदलने में अहम योगदान दिया.
लाल बहादुर शास्त्री इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ प्रवीण गुप्ता ने कहा की “गांधीवादी नेता लाल बहादुर शास्त्री ने अपना संपूर्ण जीवन सादगी और मानव सेवा के लिए अर्पित कर दिया, उन्होंने अपना जीवन धन-समृद्धि के लिए नहीं बल्कि अपने आदर्शों के लिए जिया था” कार्यक्रम में LBSIM के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कर्नल अजय सूद, शिक्षक व छात्र मौजूद थे।