23 जून को बिहार की राजधानी में मुख्यमंत्री आवास पर राजनितिक हलचल दिखी मौका था पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग का जिसमे आगामी लोकसभा चुनावो के लिए विपक्ष एकजुट होता नज़र आया | विपक्ष के कुल 15 दलों ने इस मीटिंग में भाग लिया | इसी क्रम में विपक्षी नेताओ की दूसरी मीटिंग शिमला में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता में 10 से 12 जुलाई के बीच होगी जिसमे आगे की रणनीति तय की जाएगी जहाँ दलों के बीच सीटों के बटवारे की व्यवस्था पर गहन मंथन होगा | बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस मीटिंग के जरिये विपक्ष के सभी दलों को विपक्षी एकता के एक सूत्र में पिरोने की कोशिश करी जिसे सभी दलों द्वारा सराहा गया | लगभग चार घंटे चली इस मीटिंग में सभी दलों ने एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमती जताई | इसी के साथ सभी दलों ने अपनी विचारधाराओं से ऊपर उठकर वर्तमान भाजपा सरकार को 2024 लोकसभा चुनाव में सत्ता से बाहर करने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है |
मीटिंग में सभी दलों ने अपने-अपने मुद्दे उठायें और उनपर आम सहमती बनाने की कोशिश की गयी|दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र द्वारा लाये गए अध्यादेश पर कांग्रेस को अपने रुख को साफ़ करने का आह्वाहन किया वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने केजरीवाल को जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को हटाये जाने पर अपना रुख साफ़ करने को कहा|हिमाचल की राजधानी शिमला में होने वाली आगामी मीटिंग में समान विचारधारा रखने वाले अन्य दलों को भी आमंत्रित किया जायेगा |मीटिंग के बाद हुयी साझा प्रेस वार्ता में सभी दलों ने शिरकत की सिवाय अरविन्द केजरीवाल के ,मीटिंग के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस के समय वह मौजूद नहीं थे |भाजपा ने पटना में हो रही विपक्ष की मीटिंग को आड़े हातों लिया |केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों की मीटिंग पर निशाना साधते हुए कहा ” आज पटना में फोटो सेशन चल रहा है.विपक्ष पीएम मोदी और एनडीए को चुनौती देना चाहते हैं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2024 में पीएम मोदी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर पीएम बनेंगे”| केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष की मीटिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा “मैं विशेष रूप से कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए धन्यवाद देती हूं कि वे अकेले पीएम मोदी को नहीं हरा सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है।”
मीटिंग में कौन-कौन से नेता थे मौजूद
मीटिंग में विपक्ष के बड़े चेहरे एक साथ नजर आये जेडीयू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ललन सिंह, संजय झा |आरजेडी से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव , तेजस्वी यादव, मनोज झा |कांग्रेस से कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड्गे , पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और केसी वेणुगोपाल | टीएमसी से ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन| सीपीआई एमएल से दीपांकर भट्टाचार्य|सपा से अखिलेश यादव| आम आदमी पार्टी से दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और भगवंत मान, संजय सिंह, राघव चड्ढ़ा|डी.एम्.के. से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन और टीआर बालू | एन.सी.पी . से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ,सुप्रिया शुले और प्रफुल्ल पटेल | शिव सेना उद्धव गुट से उद्धव ठाकरे , उनके बेटे आदित्य ठाकरे और संजय राउत | सीपीएम से सीताराम येचुरी|जेएमएम से हेमंत सोरेन|सीपीआई से डी राजा |पीडीपी से महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अब्दुल्ला ने अपनी मौजूदगी से विपक्षी एकता का प्रदर्शन किया | वहीं मीटिंग से विपक्ष के अन्य बड़े नेता भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ,जे.डी.एस. के कुमारस्वामी , बसपा सुप्रीमो मायावती ,बी .जे.डी . से ओडिशा के मुख्यमंत्री नविन पटनायक,ए.एम.आई.एम. के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी,राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी और वाय.एस.आर. कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी नदारद नजर आये |
लेखक रितिक झा / पोस्ट आलोक कुमार