जयपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 9 सितंबर को राजस्थान के बाड़मेर के दक्षिण में गांधव-बाखासर सेक्शन (राष्ट्रीय राजमार्ग-925) पर एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (Emergency Landing Facility) का उद्घाटन करेंगे। यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग भारतीय वायुसेना के विमानों की एमरजेंसी लैंडिंग के लिये किया जायेगा।
एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (Emergency Landing Facility)
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर सत्ता-गांधव के 41/430 किमी से 44/430 किमी के तीन किलोमीटर लंबे हिस्से को भारतीय वायु सेना के लिये एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (Emergency Landing Facility) के रूप में तैयार किया है।
लैंडिंग सुविधा, अभी हाल में विकसित खंड़जे से बने ऊंचे किनारे वाले दो लेन के गगरिया-भाखासर तथा सत्ता-गांधव सेक्शन का हिस्सा है। इसकी कुल लंबाई 196.97 किमी है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। इसे भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित किया गया है।
इस परियोजना से बाड़मेर और जालौर जिले के सीमावर्ती गांवों के बीच संपर्कता में सुधार होगा। यह हिस्सा पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है और इससे भारतीय सेना की सतर्कता बढ़ेगी और देश की अधोसंरचना भी मजबूत होगी।
इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा वायुसेना/भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100X30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाये गये हैं। इस निर्माण से भारतीय सेना तथा देश की पश्चिमी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।
ईएलएफ का निर्माण 19 महीनों के भीतर कर लिया गया था। ईएलएफ के लिये निर्माण कार्य की शुरूआत जुलाई 2019 में हुई थी और उसे जनवरी 2921 में पूरा कर लिया गया। भारतीय वायुसेना और एनएचएआई की देखरेख में यह निर्माण कार्य मेसर्स जीएचवी इंडिया प्रा.लि. ने किया था।
सामान्य दिनों में ईएलएफ का इस्तेमाल निर्बाध यातायात के लिये किया जायेगा, लेकिन जब वायुसेना को अपनी गतिविधियों के लिये इस ईएलएफ की जरूरत होगी, तो सर्विस रोड को यातायात के लिये इस्तेमाल किया जायेगा। सर्विस रोड से भी आराम से यातायात चल सकता है। ईएलएफ की लंबाई 3.5 किलोमीटर है। इस लैंडिंग स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के हर प्रकार के विमान उतर सकेंगे।