चड़ीगढ़ 11 अक्टूबर 2022. खरीफ की फसल धान की कटाई के बाद बचे अवशेष यानि पराली को लेकर पंजाब सरकार सवालों के घेरे में है. चुनाव से पहले जनता से किए गए वादों पर आम आदमी पार्टी घिरती जा रही है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा नें मान सरकार पर अकाल तख्त के जथेदार से मदद मागनें पर सवाल खड़े किए है. बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार नें पराली जलाने वाले किसानों के नाम रेड एंट्री लिस्ट में डालकर यह साफ कर दिया है कि किसानों के साथ कोई रियायत नहीं कि जाएगी जो स्वीकार नहीं किया जाएगा. जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश यह कहता है कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों को मुआवजा दे . लेकिन अब सरकार अकाल तखत साहिब के जथेदार से मदद माँग कर इसे धार्मिक रंग देने की फिराक में है
बाजवा ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फसल अवशेष का प्रबंधन करने के लिए 100 रुपयें प्रति क्विटल के हिसाब से किसान को भुगतान किया जाए. जबकि 3 वर्ष के बाद भी अभी तक केन्द्र सरकार की तरफ से किसानों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई है और आम आदमी पार्टी सरकार किसानों को दोषी ठहराने में जुटी है.
राजधानी सहित आसपास के इलाके में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट नें अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि दिल्ली सहित एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए सिर्फ किसानों को दोष देना गलत है अदालत ने कहा था कि किसान कुल वायु प्रदूषण का केवल 4% से 10% हिस्सा बनाते हैं जबकि शेष 90% वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन से फैलता है।
वही दूसरी ओर भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहन भी मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर डटे हुए है. इससे पहले किसानों की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बातचीत भी हुई थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उगराहन नें मान सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा काफी दिनों से पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. मान सरकार के मंत्री फौजा सिंह सरारी पर फिरौती लेने का आरोप है और कांग्रेस आरोपी मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर रही है.
बाजवा ने कहा कि पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल अकाल तख्त साहिब से संपर्क कर किसानों को पराली न जलाने के लिए कह रहे है। भगवंत मान सरकार का ऐसा रवैया पूरी तरह से चौंकाने वाला है। स्थिति से निपटने के लिए ठोस नीति बनाने की बजाय इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. यह सरकार की पूर्ण विफलता है ।