आखिर 25 को ही क्यों होता है शपथ ग्रहण, राष्ट्रपति के शपथ का क्या है प्रारूप!?

दिल्ली 25 जुलाई 20 नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार यानी 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। सोमवार सुबह 10 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में सीजेआई एन. वी. रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे। यह पहला मौका नहीं है जब देश में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के लिए 25 जुलाई की तारीख चुनी गई है। नवनिर्वाचित द्रौपदी मुर्मू ऐसी 10वीं राष्ट्रपति होंगी जो 25 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगीं। दरअसल, 25 जुलाई को शपथ ग्रहण का सिलसिला 1977 से शुरू हुआ था।

पहली बार देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई, 1977 को शपथ ग्रहण की थी। इसी तारीख को यह आयोजन क्यों किया जाता है और देश के राष्ट्रपति का चयन कौन करता है? जानिए इन सवालों के जवाब

वो राष्ट्रपति जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली

25 जुलाई का दिन ही इसके लिए क्यों चुना गया?
26 जनवरी 1950 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने थे। 1957 में उन्होंने दोबारा यह पद हासिल किया। इसके बाद दो ऐसे राष्ट्रपति हुए जो अपना कार्यकाल किन्हीं कारणों से पूरा नहीं कर पाए। इस फेहरिस्त में डॉक्टर जाकिर हुसैन पहले ऐसे राष्ट्रपति हुए। वह 13 मई, 1967 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और 3 मई, 1969 को उनका निधन हो गया। इसे बाद 24 अगस्त 1969 वीवी गिरी नए राष्ट्रपति बने, लेकिन इनके बाद इस पद को संभालने वाले फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति अपना कार्यकाल पूर नहीं कर पाए।

24 अगस्त 1974 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले फखरुद्दीन अली अहमद ऐसे दूसरे राष्ट्रपति बने जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इनके बाद देश के छठे राष्ट्रपति रहे नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई, 1977 को शपथ ग्रहण की। इन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। जब से लेकर अब तक बने देश के सभी राष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। इसलिए तारीख भी 25 जुलाई ही रखी गई है। इतिहास में अब तक 9 राष्टपति इसी तारीख को शपथ ले चुके हैं। अब प्रेसिडेंट इलेक्ट द्रौपदी मुर्मू 10वीं राष्ट्रपति होंगी जो इसी तारीख को शपथ लेंगीं।

राष्ट्रपति को शपथ दिलाते हैं मुख्य न्यायाधीश

25 जुलाई को नए राष्ट्रपति अपने पद और गोपनीयत की शपथ लेंगे। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गईं हैं। राष्ट्रपति को देश के मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाते हैं, यही परंपरा है। अगर किसी कारण से मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाने के लिए उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के सामने राष्ट्रपति अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेते हैं। राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।

क्या शपथ लेते हैं राष्ट्रपति…

“मैं (नाम) ईश्वर की शपथ लेता/लेती हूं कि मैं श्रद्धापूर्वक भारत के राष्ट्रपति के पद का कार्यपालन करूंगा/करूंगी तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा/करूंगी, और मैं भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा/रहूंगी.”

अंग्रेजी में ऐसे शपथ लेते हैं राष्ट्रपति
“I, (NAME)., do swear in the name of God/solemnly affirm that I will faithfully execute the office of President (or discharge the functions of the President) of India and will to the best of my ability preserve, protect and defend the Constitution and the law and that I will devote myself to the service and well-being of the people of India.”

उद्देश्य ठाकुर की रिपोर्ट

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