उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 6 अगस्त को होगा। इस बावत चुनाव आयोग ने बुधवार को सूचना जारी कर दी है। जिसके तहत उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी। अब सवाल ये है की इस बार उपराष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू जैसे गंभीर व्यक्तित्व का उत्तराधिकारी कौन बनेगा!
बीजेपी और केंद्र सरकार उपराष्ट्रपति पद के योग्य उम्मीदवार की तलाश करने में जुटी हुई है। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुनने में इस बात भी ख्याल बखूबी रखना होता है कि वो राज्यसभा को बेहतर ढंग से चलाने में सक्षम हो और सभी दलों के साथ सामंजस्य बिठाकर सदन की कार्यवाही चला सके। उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार बनाने के लिए बीजेपी आलाकमान लगातार माथापच्ची करने में जुटे हुए हैं।
उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में कई बड़े दिग्गज नेता शामिल है। अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के तौर पर आरिफ मोहम्मद खान और मुख्तार अब्बास नकवी का नाम सबसे आगे है। लेकिन भाजपा आलाकमान 2014 के बाद से ही नई नई नियुक्तियां कर सबको आश्चर्यचकित कर रहा है। लिहाजा इस बार भी किसी ऐसे नाम के उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है जो चर्चा में ना हो।
मुस्लिम समुदाय से आने वाले इन दोनों नेताओं के अलावा सिख समुदाय से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी और माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा का नाम भी शामिल है। जानकारों के मुताबिक योग्यता के लिहाज से मुख्तार अब्बास नकवी का पलड़ा भारी है, नकवी ने बीजेपी सॉफ्ट चेहरे के तौर सालों से अपना मुकाम हासिल किया है जो सभी दलों को सूट कर सकते हैं। बतौर संसदीय कार्यमंत्री उन्होंने फ्लोर मैनेज करने का काम सालों तक किया है इसके लिए सभी दलों के प्रमुख नेताओं से उनका राब्ता बेहतरीन रहा है। जानकारों का कहना है कि शैक्षणिक योग्यता में आरिफ मोहम्मद खान भले ही आगे हों, लेकिन संसद चलाने में या सामंजस्य बिठाकर चलने में नकवी का पलड़ा भारी है।
वहीं दक्षिण भारत से 3 नामों पर प्रमुखता से विचार किया जा रहा है। इसमें मूलतः तमिलनाडु की रहने वाली और अनुसूचित जाति से आने वाली तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौन्दराजन और तमिलनाडु से ही ब्राह्मण वर्ग से आने वाले मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन का नाम शामिल है। साथ ही मेघालय के राज्यपाल और मूलतः तेलंगाना के निवासी हरिबाबू खंबापति का नाम की चर्चा भी जोरों पर है, चूंकि तेलंगाना बीजेपी के लिए चुनावी रूप से महत्वपूर्ण राज्य है लिहाजा हरिबाबू के नाम को भी गंभीरता से विचार किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में नॉमिनेटेड उम्मीदवारों के रिक्त पदों को भी अगले हफ्ते तक भरने की कवायद तेजी से हो रही है क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के नॉमिनेटेड सांसद भी वोटिंग करने के अधिकारी होते हैं लिहाजा अगले हफ्ते तक उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम और साफ हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी और केंद्र सरकार के आला नेताओं की आपसी बातचीत शुरू हो चुकी है और एनडीए के घटक दलों से भी मशविरा किया जाने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने अबतक इस मुद्दे पर आरएसएस नेताओं से परामर्श नहीं किया है। सूत्र बताते हैं कि संघ और बीजेपी के आला नेताओं की बैठक अगले हफ्ते हो सकती हैं।
उद्देश्य ठाकुर