चंद मिनटों में 1700 करोड़ की लागत से बन रही भागलपुर – खगड़िया जिले को जोड़ने वाली ब्रिज हुई स्वाहा (Bhagalpur bridge collapse)

निर्माणाधीन पुल का हिस्सा नदी में गिर गया

पटना/नई दिल्ली 06 जून 2023। बिहार सरकार श्री नीतीश कुमार जी का ड्रीम प्रोजेक्ट अचानक रविवार शाम भरभराकर गंगा नदी में समाहित हो गया। (Bhagalpur bridge collapse) दरअसल इस ड्रीम पुल के निर्माण का कार्य 02 मई 2015 को ही शुरू हो चुका था, परंतु  असमंजस की बात यह है की 08 साल के लंबे इंतजार के बाद भी यह पुल बन कर तैयार नही हो पाया, इस पुल को बनाने का उद्देश्य “भागलपुर – खगड़िया ” को जोड़ना था इसलिए गंगा नदी पर करीबन 3.17 किलोमीटर के फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा था,बात करे पुल की लागत की तो पुल निर्माण में करीबन 1710.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

वैसे तो यह पुल 2019 तक बन जाना था,परंतु धीरे धीरे इसकी समय अवधि बढ़ती गई और इसकी अंतिम डेडलाइन 31 दिसंबर, 2023 की रखी गई ; साथ ही आपको ज्ञात हो कि पुल की पूरी प्रक्रिया का 70% कार्य पूरा हो चुका था और उम्मीद की जा रही थी की इस साल के अंत तक यह ब्रिज पूरी तरीके से बन कर तैयार हो जाएगा !

परंतु अचानक 04 जून की शाम करीब 6:15 बजे ब्रिज तास के पत्तों की तरह भारभराकर नदी में विलीन हो गया, हालांकि अभी तक किसी भी जान माल के हताहत या क्षति होने की खबर नही आई है, स्थानीय लोग एक गार्ड के लापता होने की बात कर रहे है,यद्यपि इस मामले की जांच अभी उच्चाधिकारियों द्वारा की जा रही है। उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली इस पुल के इतिहास की बात करे तो यह पुल मुख्यमंत्री जी के सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है,परंतु पिछले वर्ष यानी की 29 अप्रैल 2022 को इसी पुल का एक हिस्सा आंधी में गिर गया था, और अब इस साल फिर से इसी पुल का गिरना निश्चय ही इसकी बनावट और मजबूती पर सवाल उठता है। इस घटना के बाद बीजेपी एवं समस्त विपक्ष के नेताओं ने जमकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा और साथ ही निर्माणाधीन कंपनी पर भी कठोर करवाई करने के लिए आवाज उठाई है । कुछ विपक्षी नेताओं ने भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर भी ज़ोर दिया।

वहीं इस पुल के गिरने के ठीक बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि पुल को खामियों की वजह से गिराया गया है, तेजस्वी यादव ने आगे कहा की “आपको याद दिला दूं कि पिछले साल 30 अप्रैल को भी इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसके बाद, हमने निर्माण मामलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है। हालांकि इसके स्ट्रक्चर का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं।”

साथ ही सड़क निर्माण विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत ने यह भी बताया की पुल को लेकर  करवाई चल रही है और जैसे ही करवाई का अंतिम परिणाम आएगा पुल बनाने वाली सिंगला कंपनी को सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा,इसी के साथ पुल का एक हिस्सा गिराना जांच की प्रक्रिया का हिस्सा थी।

अब देखना यह होगा कि सरकार इस पुल के मद्देनजर क्या फैसले लेती है, वही जनता का भी आक्रोश सरकार की ओर बढ़ता दिख रहा है,जनता का मानना है की उनकी मेहनत की कमाई के पैसे से सरकार का बार बार इस तरह पुल बनाना तोड़ना उनके मेहनत की कमाई को पानी में बहाने जैसा है।

विजया मिश्रा

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