इन दिनों बिहार की राजधानी पटना में सियासी तूफान अपने चरम पर है। एक तरफ जहां नीतीश कुमार की सरपरस्ती में विपक्षी दलों की बैठक 23 जून को आयोजित होने वाली है। तो वहीं भाजपा महागठबंधन और संभावित संयुक्त विपक्ष को चुनौती देने के लिए तमाम कोशिश करती हुई नजर आ रही है।
हालांकि बिहार सरकार के महागठबंधन में ही सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी “सुमन” ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। संतोष हम के कोटे से मंत्री थे। उनका इस्तीफा महागठबंधन और नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है जब वह विपक्ष को एक करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
उनके इस्तीफा की पुष्टि करते हुए हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण ने कहां की “हम सत्ता के भूखे नहीं है सत्ता के लिए हम सम्मान से समझौता नहीं करेंगे। संतोष मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर के उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है।”
संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी का इस्तीफा स्वीकार हुआ है या नहीं, इस बारे में मुख्यमंत्री की ओर से अभी कोई बयान या जानकारी नहीं आई है। इस्तीफा स्वीकार होने की स्थिति में उसे राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।
कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने महागठबंधन और नीतीश कुमार से उनकी पार्टी हिंदुस्तानी इमाम मोर्चा को 5 सीटों की डिमांड की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिलती है तो वह बिहार की सभी 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतरेंगे। मांगना पूरी ना होने के कारण वह नीतीश कुमार को ना छोड़ने का भी अपनी कसम तोड़ चुके हैं।
रहेंगे महागठबंधन का हिस्सा
मंगलवार को अपने इस्तीफा सपना के बाद संतोष मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वह अभी भी महागठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि “हमने अपने पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए सरकार से इस्तीफा दिया है हम पर मर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा था। बहुत समय से हम पर विलय के लिए दबाव डाला जा रहा था लेकिन जब लगा की स्थिति हाथ से निकल गई है तो हमने इस्तीफा दे दिया।”
जेडीयू ने कहा नहीं पड़ेगा कोई फर्क
संतोष सुमन की इस्तीफा देने के बाद जेडीयू की तरफ से भी बयान आया है। जदयू की वरिष्ठ नेत्री और मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि “किसी के जाने से महागठबंधन सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे लोग आते जाते रहते हैं। नीतीश कुमार ने जितेंद्र मांझी को बहुत सम्मान दिया है। उन्हें अपने मुख्यमंत्री तक की कुर्सी भी दी है।
एनडीए ज्वाइन करने की है अटकलें
जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की एनडीए ज्वाइन करने की अटकलें लगाई जा रही है। गौरतलब है कि मांझी ने अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से भी मुलाकात की थी। हालांकि मुलाकात के एजेंडे के पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि गृह मंत्री से किसी भी राजनीतिक विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई है। माउंटेन मैन दशरथ मांझी, बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर हमने शाह से मुलाकात की थी।
हालांकि तभी से उनके मां गठबंधन से विदाई और एनडीए ज्वाइन करने की अटकलें लगाई जा रही है।
लेखक उद्देश्य ठाकुर